Last Updated on 20 August, 2023 by Rahul Chouhan
धन निरंकार जी
गीत – सदा ही मुस्कुरायें हम
अमन और प्यार के फूलों से, ये दुनिया सजायें हम – 2
सदा बांटें खुशी सबमें, सदा ही मुस्कुरायें हम।
मिटें सब दुरियां दिल से, सभी इन्सां करीब आयें।
भुला कर भेद सब दिल के, सभी को आओ अपनायें – 2
सदा दे प्यार औरों को, सदा ही प्यार पाएं हम,
सदा बांटें खुशी सबमें…………..
है सबमें एक का ही नूर, वो नर है या नारी है।
हो हिन्दू या मुसलमां, एक ही खलकत ये सारी है – 2
सभी में देख कर इस एक को, ये सर झुकायें हम,
सदा बांटें खुशी सबमें…………..
जुबां पे बोल हो मीठे, भरी हों प्यार से नजरें।
सदा ही प्रेम बांटें जिन गली – कूचों से हम गुज़रें – 2
ये मुर्शद से दुआ मांगे, सताये न किसी को गम,
सदा बांटें खुशी सबमें…………..
जहां में हर तरफ अब हों, अमन और प्यार की बातें।
हो जन्नत से हसीं दुनिया, ये गर मिल जाएं सौगातें – 2
सदा बांटें खुशी सबमें…………..
अमन और प्यार के..…………..