Verse 2 : सबका साक्षी सर्व आधारा तू निर्गुण निरंकार है। Sampuran Hardev Vani

Last Updated on 21 February, 2024 by Rahul Chouhan

Sampuran Hardev Vani

( निरंकारी सम्पूर्ण हरदेव वाणी हिंदी में )

Verse 1 : सबका साक्षी सर्व आधारा तू निर्गुण निरंकार है।

१ तू ही निरंकार (2)

सबका साक्षी सर्व आधारा तू निर्गुण निरंकार है।
किस विधि कोई गाये. तेरी महिमा. अपरम्पार है।
तू असीम है तू अनन्त है सबमें ही है व्यापक तु।
कारण रूप जगत का तू है सृष्टि का संचालक तू।
सच्चिदानंद विराट. स्वरूपा. जगत. अधूरा पूरन तू।
तू अजन्मा. अविनाशी है. ईश्वर नित्य सनातन ता
तू अडोल है तू अखण्ड है सत्‌ स्वरूप परमेश्वर तु।
तू अभेद है तू अछेद है. नारायण जगदीश्वर तू।
लोक तू ही परलोक तू ही है आर तू ही है पार तू ही।
हे. पुरुषोत्तत दो जहान की है सच्ची सरकार तू ही।
तुझ में ही ये ध्यान टिका हो तुझ में ही मन लगा रहे।
कहे “हरदेव’ स्वास है जब तक नाता तुझ से जुड़ा रहे।

All Verse Sampuran Hardev Vani in Hindi

( सभी श्लोक संपूर्ण हरदेव वाणी हिंदी में )

  • Verse : 0  हे अविनाशी परम प्रकाशी हे निर्गुण निरंकार।
  • Verse : 1  तू ही पिता है तू ही माता नित नित तुझको नमन करूं ।
  • Verse : 2  सबका साक्षी सर्व आधारा तू निर्गुण निरंकार है ।
  • Verse : 3  तू जल में है तू थल में है कण कण में है एक तू ही ।
  • Verse : 4  हे निर्गुण न्यारे तेरे ही आसरे जग सारा है ।
  • Verse : 5  साहिब तू बेअन्त है तेरा अन्त कोई क्या पायेगा ।
  • Verse : 6  कण कण वासी सर्व निवासी नाम तेरा निरंकार है ।
  • Verse : 7  हे सर्वज्ञ कोई भी तेरा पा नहीं सकता पार है ।
  • Verse : 8  हे निर्गुण हे नित्य निरंजन सब में है भरपूर तू ही ।
  • Verse : 9  तू पूरन है तेरा सारा इन्तजाम भी पूरन है ।
  • Verse : 10 मालिक खालिक कुल सृष्टि का जग का सृजनहार तू ।

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