Verse 1 : तू ही पिता है तू ही माता Sampuran Hardev Vani

Last Updated on 3 December, 2023 by Rahul Chouhan

Sampuran Hardev Vani

( निरंकारी सम्पूर्ण हरदेव वाणी हिंदी में )

Verse 1 : तू ही पिता है तू ही माता

तू ही पिता है तू ही माता नित नित तुझको नमन करूं।
तू ही है बन्धु तू ही भ्राता नित नित तुझको नमन करूं।
हे जग कर्ता भाग्य विधाता नित नित तुझको नमन करूं।
हे सुख सागर आनंद दाता नित नित तुझको नमन करूं।
निरंकार है सबसे बड़ा तू नित नित तुझको नमन करूं।
पल छिन मेरे साथ खड़ा तू नित नित तुझको नमन करूं।
मैं मछली का तू सागर है नित नित तुझको नमन करूं।
जुदा न होता तू पल भर है नित नित तुझको नमन करूं।
तू ही समाया है अंग संग में नित नित तुझको नमन करूं।
रंग जाऊं तेरे ही रंग में नित नित तुझको नमन करूं।
जित जाऊं उत तुझे ही पाऊं नित नित तुझको नमन करूं।
गुण ‘हरदेव’ तेरे ही गाऊं नित नित तुझको नमन करूं।

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