Last Updated on 20 August, 2023 by Rahul Chouhan
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कविता – भक्ति का वरदान चाहिए
सब्र संतोष से भर दो जीवन – 2
फिर सब सुख का दान चाहिए
हर पल तेरा ध्यान चाहिए
भक्ति का वरदान चाहिए
ह्रदय का एतबार चाहिए
नेनौ का दिदार चाहिए
निरंकार के साथ – साथ
रूप यही साकार चाहिए -2
हरदीत पे मोहनी मूरत पर
हरदीत पे मोहनी सूरत पर
मिठी – मिठी मूस्कान चाहिए
हर पल तेरा ध्यान चाहिए
भक्ति का वरदान चाहिए
तुने हम पर एतबार किया
हम जैसे थे वेसे स्वीकार किया -2
हम भूल हजारों बार किये
पर माफ हमें हर बार किया
हम तेरे मुताबिक बन जाए
ये और अभी एहसान चाहिए
हर पल तेरा ध्यान चाहिए
भक्ति का वरदान चाहिए
ये केसा मेरा सर्मपण है
के मेरा मेरा हि बन रहा
ये मेरी में मुझसे ले ले -2
अब मूझको इतमीनान चाहिए
हर पल तेरा ध्यान चाहिए
भक्ति का वरदान चाहिए
तुझे छोड जो पत्थर मांगी में
माया के पिछे भागी में
तो भाग्यविधाता तेरे दर पर
बडी ही रही अभागी में
मुझमे यू भर दो भक्ति
जैसे जिवन को प्राण चाहिए
हर पल तेरा ध्यान चाहिए
भक्ति का वरदान चाहिए
सब मेरी कू समझ कदमो मे धर लो
तुम मुझको सम्मोहित कर लो
अपना ये भोलापन दे दो
मेरी सब चतूराई हर लो
मे गुरूमत पर ही मिट जाऊ
जीवन को यह सम्मान चाहिए
हर पल तेरा ध्यान चाहिए
भक्ति का वरदान चाहिए
विपरीत तुम्हारे जाऊ ना
गुरूमत मे मन को लाऊ ना
सुरज के दर पर आकर भी
अंधियारा ले जाऊ ना
जो तुझसे मुझ को दूर करे मूझे
एसा ना सम्मान चाहिए
हम कहते है पर किया नही
तुम करके कहते हो किया नही
यू बेठे हो भोले बनकर
जैसे की कुछ पता नही
है यही निशानी परमपिता की
हमे एसा ही भगवान चाहिए
हर पल तेरा ध्यान चाहिए
भक्ति का वरदान चाहिए
तू मेरा सतगुरु सच्चा है
तुम साथ रहो सब अच्छा है
जो कुछ भी जग में होता है
सब तेरे हाथ मे
हम सबके भले की अभिलाषा है
सबका ही कल्याण चाहिए
हर पल तेरा ध्यान चाहिए
भक्ति का वरदान चाहिए
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